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Showing posts from December, 2024

कुंभ स्नान 2025

  https://youtu.be/PJIKqi-pqsk?si=M138Stn_rycxNHlA  अगर आप कुंभ स्नान करने जा रहे हैं तो कुंभ स्नान से जुड़े सभी नियम इस वीडियो में दिए गए हैं kindly go and check  hinduculture923 Poonamofficial 

आज का सुविचार 🙏🙏

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आज का पंचांग 🙏🙏

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  https://youtube.com/@hinduculture923?si=YlNk9CY08yuskKho  Is page per aap daily Puja paath se related, vritti tyohar se related, vastu tips se related, aur daily Ki Kuch Chote Chote upay jinhen Karke Ham Hamari Life ko easy banaa sakte hain... Iske alava aap is page per motivational quotes, health tips, daily Panchang and occasional festivals ko bhi enjoy kar sakte hain  🙏🙏  Radhe Radhe🙏🙏  Please subscribe and support🙏  Thank you🌹

आज के दिव्य दर्शन 🙏🙏

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 राधे राधे जी 🙏🙏  सबसे पहले आप ऊपर प्रभु के दिव्य दर्शनों को प्राप्त कीजिए   यह दिव्य दर्शन मंदिर आपको कोलकाता के चंडी ताला स्थित मां मंगल चंडी मंदिर के अंदर प्राप्त होंगे🙏  आपके ऊपर पूरा एड्रेस भी मेंशन किया हुआ है🙏  आप साक्षात जाकर भी इन दर्शनों को प्राप्त कर सकते हैं  यहां आप बाबा श्याम के अलौकिक श्रृंगार के दर्शन प्रतिदिन कर पाएंगे इसके अलावा आप जिन भवानी माता के, दादी सती के  मां मंगल चंडी के और इसके अलावा आप भोले बाबा के हनुमान बाबा के मां शीतला माता की के मां वैष्णो देवी मैया के और बाबा भैरवनाथ के दर्शन प्राप्त कर सकते हैं  राधे राधे 🙏  

हमारा सनातन धर्म....

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Thought for the day is...

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Health tips :

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ब्रज की माटी की महिमा🙏🙏 ब्रजरज

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 🛕🛕🛕🛕🛕🛕🛕🛕🛕🛕            (महिमा ब्रज रज की)     🛕🛕🛕🛕🛕🛕🛕🛕🛕🛕            (महिमा ब्रज रज की)     दक्षिण भारत से किसी समय एक कृष्ण भक्त वैष्णव साधु वृंदावन की यात्रा के लिए आए थे । एक बार वे गोवर्धन (गिरिराज) की परिक्रमा के लिए गए । हाथ में करमाला लेकर जप करते हुए परिक्रमा मार्ग पर मंद गति से चल रहे थे।  दोपहर हो गई । बाबा की भिक्षा शेष थी , परंतु परिक्रमा मार्ग पर भिक्षा मिलना संभव नहीं है , यह मानकर वे चलते रहे ।  थोड़ी देर तक इस प्रकार चलने के बाद सामने से आती हुई एक किसान स्त्री दिखाई दी । वह अपने घर से खेत में जा रही थी । उसके सिर पर टोकरी में भोजन था । दोपहर का समय है , और बाबा भूखे होंगे , यह सोचकर उसने बाबा से पूछा---  बाबा भोजन पाओगे (करेंगे )  ? दोपहर का समय था , बाबा को भूख भी लगी थी और यह भोजन तो अनायास ही सामने आया था।  बाबा ने भोजन के निमंत्रण को स्वीकार किया ।  उस स्त्री ने खाद्य सामग्री से भरा टोकरा सिर से उतार कर नीचे रखा । गेहूं की रोटी , सब्ज...

आज का पंचांग 🙏🙏

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क्या आपको भी प्रमाण चाहिए... कि भगवान वास्तव में है...🙏🙏

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 क्या #भगवान मौजूद हैं? ये बिलकुल ऐसा ही है की एक #गर्भ में बैठा हुआ छोटा बच्चा सवाल करे कि क्या माँ होती हैं? अगर होती हैं, तो अभी कहाँ हैं, दिखती क्यों नहीं हैं। एक मां के पेट में दो बच्चे थे। एक ने दूसरे से पूँछा: "आप प्रसव के बाद जीवन में #विश्वास करते हो?" दूसरे ने कहा, "क्यों, बिल्कुल।  #प्रसव के बाद कुछ जरुर होगा। शायद, हम बाद में क्या होगा,  इसके लिए खुद को तैयार करने के लिए यहाँ हैं।" "बकवास" पहले ने कहा। "प्रसव के बाद कोई #जीवन नहीं है। यहाँ से बाहर किस तरह का जीवन हो सकता है?" दूसरा- मैं नहीं जानता, लेकिन यहाँ की तुलना में बाहर अधिक प्रकाश होगा! उस ने फिर कहा, "हो सकता है कि हम अपने पैरों के साथ चलेंगे और हमारे मुंह से खाना जाएगा। ये सब हो सकता है पर अभी हम नहीं समझ सकते कि अन्य इंद्रियों के साथ और क्या सब कर सकते हैं!" पहले ने फिर कहा "यह बेतुका है, चलना असंभव है। और हमारे मुंह से खाना जायेगा ये सिर्फ हास्यास्पद हैं। #गर्भनाल पोषण की और वह सब कुछ #आपूर्ति करती है जिसकी हमें जरूरत है। लेकिन गर्भनाल इतना छोटा है की प्रसव ...

क्या आप जानते हैं कि हर पूजा में कलश की स्थापना क्यों की जाती है... आईए जानते हैं इसके पीछे का कारण

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 कलश  का हमारे धार्मिक अनुष्ठानों या शादी ब्याह एक महत्वपूर्ण स्थान है ...शास्त्रों के अनुसार कलश को सुख समृद्धि , ऐश्वर्य और मंगल कामनाओं का प्रतीक माना गया है .....बिना कलश स्थापना के कोई भी धार्मिक अनुष्ठान पूरा नहीं होता...एक सादा सा लोटा पानी  पीने के काम आता है तो वही उसमे आम का पल्लव और हल्दी कुमकुम का स्वस्तिक बनाकर लाल पीला कलावा बांधकर उसे पूजन मे भी उपयोग होता है.....नौरात्र हो या कोई पूजन कलश स्थापना सबसे पहले की जाती है इसके पश्चात पूजन  ............कभी ये कलश मिट्टी का तो कभी फूले पीतल के लोटे का पर मान्यता दोनों की अपनी अपनी जगह पर महत्वपूर्ण है ......पूजा करते समय कलश जहां स्थापित करना हो, वहां हल्दी से अष्टदल बनाया जाता है। उसके ऊपर चावल रखे जाते हैं। चावल के ऊपर कलश रखा जाता है। कलश में जल, दूर्वा, चंदन, पंचामृत, सुपारी, हल्दी, चावल, सिक्का, लौंग, इलायची, पान, सुपारी आदि शुभ चीजें डाली जाती हैं। इसके बाद कलश के ऊपर स्वस्तिक बनाया जाता है। कलश के ऊपर आम के पत्तों के साथ नारियल रखा जाता है। कुछ लोग कलश पर नारियल को लाल कपड़े से लपेट कर रखते हैं। इसके ...

भगवान श्री कृष्ण की अनसुनी बातें

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🙏🏻🕉️ #हिन्दू_संस्कार 🕉️🙏🏻 #भगवान्_श्री_कृष्ण_के_जीवन_सी_जुड़ी_24_अनसुनी #बातें 1. भगवान् श्री कृष्ण के खड्ग का नाम ‘नंदक’, गदा का नाम ‘कौमौदकी’ और शंख का नाम ‘पांचजन्य’ था जो गुलाबी रंग का था। 2. भगवान् श्री कॄष्ण के परमधामगमन के समय ना तो उनका एक भी केश श्वेत था और ना ही उनके शरीर पर कोई झुर्री थीं। 3.भगवान् श्री कॄष्ण के धनुष का नाम शारंग व मुख्य आयुध चक्र का नाम ‘ सुदर्शन’ था। वह लौकिक, दिव्यास्त्र व देवास्त्र तीनों रूपों में कार्य कर सकता था उसकी बराबरी के विध्वंसक केवल दो अस्त्र और थे पाशुपतास्त्र ( शिव , कॄष्ण और अर्जुन के पास थे) और प्रस्वपास्त्र ( शिव , वसुगण , भीष्म और कृष्ण के पास थे) । 4. भगवान् श्री कॄष्ण की परदादी ‘मारिषा’ व सौतेली मां रोहिणी( बलराम की मां) ‘नाग’ जनजाति की थीं. 5. भगवान श्री कॄष्ण से जेल में बदली गई यशोदापुत्री का नाम एकानंशा था, जो आज विंध्यवासिनी देवी के नाम से पूजी जातीं हैं। 6. भगवान् श्री कॄष्ण की प्रेमिका ‘राधा’ का वर्णन महाभारत, हरिवंशपुराण, विष्णुपुराण व भागवतपुराण में नहीं है। उनका उल्लेख बॄम्हवैवर्त पुराण, गीत गोविंद व प्रचलित जनश्रुतियों म...